Page 1 of 1

विद्यालय में मीना मंच (Meena Manch) का गठन- मीना का परिचय

Posted: Sat Aug 04, 2018 12:09 pm
by admin
meema.jpg
meema.jpg (10.47 KiB) Viewed 39466 times
विद्यालय में मीना मंच का गठन- मीना का परिचय
बालिकाओं के मुद्दों को सरल एवं सहज रुप से समझने के लिए मीना नाम की लड़की का एक काल्पनिक चरित्र बनाया गया है। प्रत्येक वर्ग एवं समाज की बालिकाएं स्वयं का इस से जुड़ाव महसूस कर सकती है। मीना एक उत्साही और विचारवान किशोरी है, जिसमें उमंग उल्लास सहानुभूति एवं सहायता का भाव है। वह समस्याओं और सामाजिक बाधाओं के विरुद्ध लड़ने का जज्बा रखती है, और समस्या समाधान हेतु किसी से बातचीत करने में हिचकिचाते नहीं है।

मीना की कहानियों में संदेश-
मीना अपने माता पिता, दादी राजू और बहन रानी के साथ रहती है मिट्ठू तोता उसका प्यारा दोस्त है। मीना की कहानियां बच्चों के जीवन के चारों तरफ घूमती है। मीना की कहानियां बच्चों के बचपन में ही लड़की लड़के की भूमिकाओं के बीच स्वस्थ एवं बेहतर संबंधों का रूप दिखाती है। मीना की कहानियां किसी को उपदेश नहीं देती। मीना मंच का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और संवाद शुरू करने के अवसर प्रदान करना है।

मीना मंच के उद्देश्य, गठन व कार्य प्रणाली-
मीना मंच विद्यालयों में बालिकाओं के लिए एक ऐसा मंच है जो उन्हें अपनी बात को खुलकर कहने के लिए अवसर देता है यह बालिकाओं कोशिक्षा से जोड़ने, नियमित विद्यालय आने और लिंग आधारित भेदभाव के प्रति सजग रहने के लिए प्रोत्साहित करता है । परोक्ष रूप से बालिकाओं में आत्मविश्वास का विकास, समस्याओं का समाधान ढूंढने का कौशल एवं नेतृत्व क्षमता जैसी मूलभूत जीवन कौशल का विकास करने का अवसर देता है।
उद्देश्य-
मीना मंच का उद्देश्य बालिकाओं को आगे बढ़ने के लिए विद्यालयों में यथोचित एवं विशेष अवसर देना है, जिससे उनमें आत्मविश्वास बढे । जीवन कौशल का विकास हो, नेतृत्व क्षमता बढ़े और सामाजिक मसलों पर अपने स्वयं के विचार रख सके और सबसे अधिक की भी निर्बाध रुप से अपनी विद्यालय शिक्षा पूरी कर सके। मीना मंच के स्पष्ट उद्देश्य हैं-

1. समस्त बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ना और उनका ठहराव बनाए रखना बालिकाओं को सीखने पढ़ने लिखने एवं सह शैक्षिक गतिविधियों से जोड़ने हेतु अधिकतम अवसर सामूहिक सहयोग देना।
2. बालिकाओं की सुरक्षा पर चर्चा करना एवं आपसी सहयोग से समाधान करना।
3. जेंडर भेदभाव एवं सामाजिक कुरीतियों पर समझ विकसित करना और बालिकाओं को इन मुद्दों पर अपने विचार अभिव्यक्त करने हेतु एक मंच प्रदान करना।
4. बालिकाओ में सृजन लेखन चित्रकारिता पेंटिंग आदि कौशल का विकास कारण। बालिकाएं अपनी कल्पना से लेखन पेंटिंग चित्रकारिता आदि कार्य करने के कौसल का विकास करती है।
5. बालिकाओ को महिला अधिकारों के प्रति जागृति पैदा करना।
6. किशोरियों को उन की संकाओं के सम्बन्ध में परिचर्चा करने हेतु मंच उपलब्ध करवाना।
7. आत्म विश्वास एवं जीवन कौशल का विकास करने के अवसर निश्चित रूप से उपलब्ध कराना बालिकाओं में नेतृत्व तथा सहयोग की भावना विकसित करना साथ ही किशोरावस्था संबंधी जिज्ञासाओं की अभिव्यक्ति एवं समाधान हेतु मंच देना।
8. बालिका शिक्षा एवं विकास के लिए समुदाय को जागृत कर जागरुक करना।
9. सामुदायिक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता पर जानकारी एवं जागरूकता फैलाना।

मीना मंच का गठन कैसे हो?
मीना मंच (Meena Manch) में विद्यालय की समस्त बालिकाएं एवं बालक सदस्य होंगे। अतः मीना मंच द्वारा आयोजित की जाने वाली चर्चाओं और गतिविधियों में समस्त बच्चे मंच के नेतृत्व में प्रतिभाग करेंगे। विद्यालय की किसी एक महिला शिक्षिका को इसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी जो कि सुगमकर्ता कहलाएगी। सुगमकर्ता मीना मंच की गतिविधियों का संचालन स्वयं नहीं करेगी बल्कि बालिकाओं को मार्गदर्शन देगी, जिससे बालिकाएं स्वयं के स्तर पर गतिविधियों का संचालन कर सके। महिला अध्यापिका की अनुपस्थिति में ही पुरुष अध्यापक को सुगमकर्ता का भार सौंपा जा सकेगा, किंतु पुरुष सुगमकर्ता होने की स्थिति में प्रत्येक 2 माह में आवश्यक रूप से किसी अध्यापिका या महिला अधिकारी या महिला कार्यकर्ता की विजिट विद्यालय में करानी होगी, जिससे की बालिकाएं विशेष मुद्दों पर खुलकर बात कर सके। विद्यालय में मीना मंच बनाए जाने के बाद यह स्थाई मंच रहेगा जिस का संचालन प्रत्येक वर्ष होगा और संचालन की प्रक्रिया भी निर्देशानुसार यथावत रहेगी।

मीना मंच द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन एवं विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करवाने का कार्य बालिकाओं का एक छोटा समूह करेगा, जो कि मीना मंच समिति कहलाएगा। मीना मंच समिति में विद्यालय में अध्ययनरत सक्रिय किशोरियों को सदस्य बनने हेतु प्रेरित किया जाएगा, जो अन्य बालिकाओं को लिए किसी न किसी रूप में सहायता कर रही हो यथा-
  • बहुत दूरी से विद्यालय पहुंचने वाली बालिका।

  • नियमित विद्यालय में आने वाली बालिका।

  • पढ़ाई के लिए घरवालों को समझा-बुझाकर विद्यालय आने वाली बालिका।

  • अपनी सहेली को प्रेरित कर विद्यालय लाने वाली बालिका।

  • उत्कृष्ट शिक्षा परिणाम वाली गतिविधियों में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिका।

  • विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लेने वाली बालिका आदि।


समिति में बालिका एवं बालक सदस्य होंगे-
  • कक्षा 8 से 5 बालिकायें और दो बालक।

  • कक्षा 7 से 5 बालिकाएं और दो बालक।

  • कक्षा 6 से 5 बालिकाएं और दो बालक।

  • कक्षा 5 से 3 बालिकाएं।

  • कक्षा 4 से 2 बालिकाएं।

इस प्रकार कुल 20 बालिकाएं और 6 बालक होंगे।

यथासंभव समिति के सदस्य विद्यालय की अन्य समितियों के सदस्य भी हो ताकि समितियों के कार्य में आपसी सहयोग एवं समन्वय बना रहे। यदि विद्यालय में 20 से कम बालिका विद्यालय की समस्त बालिकाओं और बालिकाओं को चालकों को सम्मिलित कर मीना मंच का गठन किया जाए।

मीना मंच समिति के सदस्यों का चुनाव-
मीना मंच समिति में बालिका एवं बालक इस प्रकार सदस्य होंगे– कक्षा 8 से 5 बालिकायें और दो बालक, कक्षा 7 से 5 बालिकाएं और दो बालक, कक्षा 6 से 5 बालिकाएं और दो बालक, कक्षा 5 से 3 बालिकाएं, कक्षा 4 से 2 बालिकाएं।
इस प्रकार कुल 20 बालिकाएं और 6 बालक होंगे। मीना मंच का गठन करने के लिए उच्च प्राथमिक स्तर की प्रत्येक कक्षा से 5 बालिकाओं और दो बालकों का चयन किया जाएगा। इन चयनित सदस्यों में से प्रत्येक कक्षा में एक प्रेरक बालिका और दो सह -प्रेरक (एक बालिका और एक बालक) का चुनाव किया जाएगा प्राथमिक स्तर पर कक्षा 5 और कक्षा 4 से क्रमशः 3 और 2 बालिकाएं मीना मंच के सदस्य होगी और प्राथमिक कक्षाओं का नेतृत्व करेगी। ये सभी प्रत्येक कक्षा हेतु प्रेरक का रोल निर्वाह करेगी।