सतत व व्यापक मूल्यांकन (CCE) का अर्थ, उद्देश्य व वार्षिक प्रतिवेदन का निर्माण
Posted: Mon Aug 27, 2018 9:06 am
CCE: Continuous and Comprehensive Evaluation – Meaning, Objectives and Preparation of Annual Report of Students.
Meaning of CCE (सतत तथा व्यापक मूल्यांकन का अर्थ)
सतत तथा व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है छात्रों के विद्यालय आधारित मूल्यांकन की प्रणाली जिसमें छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल हैं।
“सतत” शब्द से यहां अर्थ है कि निर्धारण की नियमितता, यूनिट परीक्षा की आवृत्ति, अधिगम के अंतरालों का निदान, सुधारात्मक उपायों का उपयोग, पुनः परीक्षा और स्वयं मूल्यांकन। ‘व्यापक’’ का अर्थ है कि इस योजना में छात्रों की वृद्धि और विकास के शैक्षिक तथा सह-शैक्षिक दोनों ही पक्षों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है।
संक्षेप में यहाँ विद्यार्थी का मूल्यांकन मात्र किसी एक परीक्षा पर निर्भर नही होकर उसके वर्षपर्यन्त कार्यो का नियमित मूल्यांकन करना है। Objective of CCE (सतत तथा व्यापक मूल्यांकन का उद्देश्य)
सतत व व्यापक मूल्यांकन का प्रथमिक उद्देश्य किसी विद्यार्थी का विद्यालय उपस्थिति के दौरान उससे सम्बंधित प्रत्येक पहलु का मूल्यांकन करना है। इस विधा द्वारा विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन करते हुए परीक्षा के भय से मुक्त रखना है।
इसके अन्य उद्देश्य बोधात्मक, साइकोमोटर और भावात्मक कौशलों के विकास में सहायता करना, विचार प्रक्रिया पर जोर देना ना कि याद करने पर व मूल्यांकन को अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया का अविभाज्य अंग बनाना है। Annual report (वार्षिक प्रतिवेदन)
सीसीई के अंतर्गत वार्षिक प्रतिवेदन बनाते समय क्या ना करे-
1. नकारात्मक टिप्पणी ना करे, यथा – छात्र अंग्रेजी विषय में कमजोर हैं , पुस्तक पढ़ने में अब भी असमर्थ हैं ।
इसको कुछ इस तरह लिखे – छात्र का अंग्रेजी विषय के प्रति रुझान कम हैं , पुस्तक पढ़ने में शिक्षक की सहायता की आवश्यकता पड़ती हैं।
2. जोड़-बाकी गुना-भाग की जगह संक्रिया शब्द का इस्तेमाल करे।
3. वार्षिक प्रतिवेदन हिंदी भाषा में हैं अतः वार्षिक प्रतिवेदन का लेखन हिंदी भाषा मे ही करे।
4. समग्र टिप्पणी अंकित करे। उपविषयों पर अधिक टिप्पणियां नही करे।
5. प्रतिवेदन की टिप्पणी में छात्र के नाम का उल्लेख बार-बार नही करे क्योकि उसका नाम पहले से दर्ज है।
6.छात्र के व्यवहार पर उनुचित टिप्पणी ना करे ।
7. छात्र की ग्रेड के उलट टिप्पणी ना करे जैसे छात्र के अगर हिंदी में B ग्रेड हैं तो टिप्पणी में ये ना लिखे की - छात्र का हिंदी के प्रति रुचिपूर्ण द्रष्टीकोण हैं व् शब्द भण्डार प्रशंसनीय हैं ।
अभिलेख पंजिका में समेकित टिप्पणी-
✍बालक रमेश ने सभी विषयों मे अच्छी प्रगति की है।
✍हिन्दी विषय मे पठन व लेखन मे उत्कृष्ट कार्य कर लेता है।
✍सीखने की गति ठीक है।
✍कक्षा मे शिक्षण के दॊरान सहभागिता अच्छी है।
✍ साथियों के साथ अच्छा तालमेल रखता है।
✍सहशैक्षिक गतिविधियों मे रूचि रखता है।
✍गृहकार्य एवं कक्षाकार्य समय पर पूरा करता है।
✍गणित विषय मे विशेष रूचि होने के साथ ही अंग्रेजी विषय मे कम रूचि लेता है।
✍सृजनात्मक कार्यों मे खास रूचि है।
✍खेलों और सांस्कृतिक कार्यों में रूचि से भाग लेता है।
✍कक्षा में व्यवहार उत्तम है।
✍परिवेशीय सजगता बढी है।
✍बालक में आत्मविश्वास की भावना बढ़ी है।
✍बालिका में साहित्यिक रूचि बनी है।
✍व्यक्तिगत,घरेलू और विद्यालय में चीजों के व्यर्थ इस्तेमाल को रोकने की समझ है।
✍प्रजातांत्रिक मूल्यों (समानता,भाईचारा,बन्धुता) का विकास हुआ है।
✍राष्ट्रीयता व सांस्कृतिक धरोहरों की जानकारी।
✍विद्यालय कार्यक्रमों में अच्छी भागीदारी है।
सतत तथा व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है छात्रों के विद्यालय आधारित मूल्यांकन की प्रणाली जिसमें छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल हैं।
“सतत” शब्द से यहां अर्थ है कि निर्धारण की नियमितता, यूनिट परीक्षा की आवृत्ति, अधिगम के अंतरालों का निदान, सुधारात्मक उपायों का उपयोग, पुनः परीक्षा और स्वयं मूल्यांकन। ‘व्यापक’’ का अर्थ है कि इस योजना में छात्रों की वृद्धि और विकास के शैक्षिक तथा सह-शैक्षिक दोनों ही पक्षों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है।
संक्षेप में यहाँ विद्यार्थी का मूल्यांकन मात्र किसी एक परीक्षा पर निर्भर नही होकर उसके वर्षपर्यन्त कार्यो का नियमित मूल्यांकन करना है। Objective of CCE (सतत तथा व्यापक मूल्यांकन का उद्देश्य)
सतत व व्यापक मूल्यांकन का प्रथमिक उद्देश्य किसी विद्यार्थी का विद्यालय उपस्थिति के दौरान उससे सम्बंधित प्रत्येक पहलु का मूल्यांकन करना है। इस विधा द्वारा विद्यार्थियों का सतत मूल्यांकन करते हुए परीक्षा के भय से मुक्त रखना है।
इसके अन्य उद्देश्य बोधात्मक, साइकोमोटर और भावात्मक कौशलों के विकास में सहायता करना, विचार प्रक्रिया पर जोर देना ना कि याद करने पर व मूल्यांकन को अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया का अविभाज्य अंग बनाना है। Annual report (वार्षिक प्रतिवेदन)
सीसीई के अंतर्गत वार्षिक प्रतिवेदन बनाते समय क्या ना करे-
1. नकारात्मक टिप्पणी ना करे, यथा – छात्र अंग्रेजी विषय में कमजोर हैं , पुस्तक पढ़ने में अब भी असमर्थ हैं ।
इसको कुछ इस तरह लिखे – छात्र का अंग्रेजी विषय के प्रति रुझान कम हैं , पुस्तक पढ़ने में शिक्षक की सहायता की आवश्यकता पड़ती हैं।
2. जोड़-बाकी गुना-भाग की जगह संक्रिया शब्द का इस्तेमाल करे।
3. वार्षिक प्रतिवेदन हिंदी भाषा में हैं अतः वार्षिक प्रतिवेदन का लेखन हिंदी भाषा मे ही करे।
4. समग्र टिप्पणी अंकित करे। उपविषयों पर अधिक टिप्पणियां नही करे।
5. प्रतिवेदन की टिप्पणी में छात्र के नाम का उल्लेख बार-बार नही करे क्योकि उसका नाम पहले से दर्ज है।
6.छात्र के व्यवहार पर उनुचित टिप्पणी ना करे ।
7. छात्र की ग्रेड के उलट टिप्पणी ना करे जैसे छात्र के अगर हिंदी में B ग्रेड हैं तो टिप्पणी में ये ना लिखे की - छात्र का हिंदी के प्रति रुचिपूर्ण द्रष्टीकोण हैं व् शब्द भण्डार प्रशंसनीय हैं ।
अभिलेख पंजिका में समेकित टिप्पणी-
✍बालक रमेश ने सभी विषयों मे अच्छी प्रगति की है।
✍हिन्दी विषय मे पठन व लेखन मे उत्कृष्ट कार्य कर लेता है।
✍सीखने की गति ठीक है।
✍कक्षा मे शिक्षण के दॊरान सहभागिता अच्छी है।
✍ साथियों के साथ अच्छा तालमेल रखता है।
✍सहशैक्षिक गतिविधियों मे रूचि रखता है।
✍गृहकार्य एवं कक्षाकार्य समय पर पूरा करता है।
✍गणित विषय मे विशेष रूचि होने के साथ ही अंग्रेजी विषय मे कम रूचि लेता है।
✍सृजनात्मक कार्यों मे खास रूचि है।
✍खेलों और सांस्कृतिक कार्यों में रूचि से भाग लेता है।
✍कक्षा में व्यवहार उत्तम है।
✍परिवेशीय सजगता बढी है।
✍बालक में आत्मविश्वास की भावना बढ़ी है।
✍बालिका में साहित्यिक रूचि बनी है।
✍व्यक्तिगत,घरेलू और विद्यालय में चीजों के व्यर्थ इस्तेमाल को रोकने की समझ है।
✍प्रजातांत्रिक मूल्यों (समानता,भाईचारा,बन्धुता) का विकास हुआ है।
✍राष्ट्रीयता व सांस्कृतिक धरोहरों की जानकारी।
✍विद्यालय कार्यक्रमों में अच्छी भागीदारी है।