चिकित्सा के आधार पर अवकाश

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चिकित्सा के आधार पर अवकाश

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Wed Aug 29, 2018 6:30 pm

चिकित्सा के आधार पर अवकाश
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सक्षम अधिकारी प्राधिकृत चिकित्सक के प्रमाण पत्र के आधार पर कर्मचारी को चिकित्सा अवकाश स्वीकृत कर सकता है। प्राधिकृत चिकित्सक शब्द में राजकीय चिकित्सालयमें नियुक्त चिकित्सक ,औषधालय में नियुक्त वैध या हकीम सम्मिलित माना जायेगा।

जहां कर्मचारी बीमार पड़ता है, यदि वहाँ कोई प्राधिकृत चिकित्सक नहीं हो अर्थात् कोई राजकीय चिकित्सालयऔषधालय नहीं हो या उनमें चिकित्सक नहीं हो तो उस स्थान पर स्थित पंजीकृत चिकित्सा- व्यवसायी के प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश दिया जा सकता है, किन्तु ऐसे प्रमाण पत्र में चिकित्सक का पंजीयन या क्रमांक अवश्य अंकित होना चाहिये। (नियम 76)

एक राज्य कर्मचारी जिसने चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार है पर अवकाश स्वीकृत कराया है अपने कर्तव्य पर उस समय तक उपस्थित नहीं हो सकेगा जब तक वह स्वस्थ होने का प्रमाण पत्र निर्धारित प्रपत्र में प्रस्तुत नहीं कर देता है। ( नियम 83)

चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी हेतु सक्षम अधिकारी-
(क) चिकित्सा विभाग के आदेश क्र.प.1625) एम ग्रुप
1/94 दि.8.1.98 द्वारा विभिन्न अवधि के लिये चिकित्सा अवकाश हेतु चिकित्सा अधिकारी निम्न प्रकार प्राधिकृत किये गये हैं।
(i) किसी बहिरंग रोगी को अधिकतम 15 दिन की अवधि हेतु चिकित्सा प्रमाण पत्र किसी भी चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिया जा सकेगा।
(ii) 30 दिवस तक वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी कनिष्ठ विशेषज्ञ/सहायक आचार्य एवं इसके ऊपर के अधिकारी देने के लिये सक्षम होंगे। इसमें मूल अवधि भी सम्मिलित होगी।
(iii) 45 दिवस तक वरिष्ठ विशेषज्ञ पी.एम.ओ./एसोसिएट प्रोफेसर प्रोफेसर एवं क्रम सं. 2 में वर्णित अधिकारी यदि प्रमाण पत्र सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं अधीक्षक द्वारा प्रमाणित किया हुआ हो। इसमें मूल अवधि भी सम्मिलित होगी।
(iv) 45 दिवस से अधिक अवधि हेतु चिकित्सा प्रमाण पत्र केवल मेडिकल बोर्ड देगा।
(v) अनुमोदित निजी चिकित्सालय के चिकित्सक चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने हेतु अधिकृत।

15 दिवस के लिये – चिकित्सा परामर्शदाता द्वारा
30 दिवस तक – वरिष्ठ चिकित्सा परामर्शदाता द्वारा
45 दिवस तक – वरिष्ठ विषय विशेषज्ञ द्वारा
45 दिवस से अधिक- मेडिकल बोर्ड द्वारा
(प 16(25) एम ई/1-1/1994 दिनांक 18.5.2012)

(ख) होम्योपैथिक चिकित्सक 15 दिवस के लिए चिकित्सा प्रमाण दे सकते हैं।

(ग) चिकित्सा प्रमाण हेतु सक्षम आयुर्वेद अधिकारी-
(i) किसी बहिरंग रोगी को चिकित्सक, 15 दिन की अवधि।
(ii) 15 दिवस के पश्चात् पुनः 7-दिन की अवधि के लिये विभागीय चिकित्सक सक्षम होगा।
(iii) 29 दिवस से 45 दिन की अवधि के लिए रोग प्रमाण पत्र अ श्रेणी चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक/ जिला आयुर्वेद अधिकारी/सहायक निदेशक /समकक्ष अधिकारी एवं अन्य उच्च अधिकारी द्वारा जारी किया जायेगा, जिसमें मूल अवधि भी सम्मिलित होगी।
(iv) 45 दिवस से अधिक अवधि के लिये चिकित्सा प्रमाण पत्र स्वास्थ्य परीक्षण समिति (आयुर्वेद) द्वारा दिया जा सकेगा।
(v) अन्तरंग रोगी के सम्बन्ध में 30 दिन से अधिक के चिकित्सा प्रमाण पत्र हेतु आयुर्वेद ‘अ’ श्रेणी चिकित्सालय के प्रभारी के प्रति हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी।
(vi) राज्य के बाहर के मामले में सम्बन्धित चिकित्सालय संस्थान के चिकित्सक का प्रमाणपत्र मान्य होगा। (आ. प.25(35)आयु./95 दि.15.6.96)


स्वास्थ्य परीक्षण समिति में निम्नलिखित सदस्य होंगे-
(अ) जिला आयुर्वेद अधिकारी सहायक निदेशक/प्रभारी रसायन शालाएँ समकक्ष अधिकारी एवं अन्य उच्च अधिकारी आयुर्वेद।
(ब) संबंधित जिले स्थितअ’ श्रेणी चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक संयोजक
(स) दो चिकित्सक (अध्यक्ष की सहमति से) आवश्यकता होने पर महिला चिकित्सक सदस्य



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