एक संस्था प्रधान/राज्य कर्मचारी जानने योग्य बेसिक लेखा नियम

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एक संस्था प्रधान/राज्य कर्मचारी जानने योग्य बेसिक लेखा नियम

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Mon Oct 08, 2018 9:59 am

एक संस्था प्रधान/राज्य कर्मचारी जानने योग्य बेसिक लेखा नियम
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1. भुगतान जब करना हो तभी राशि ड्रॉ करे।
2. निजी निक्षेप खाते का पैसा 31 मार्च को लेप्स ना हो इसलिए कोई राशि आहरण नहीं करे।
3. बैंक से धन राशि आहरण हेतु अनुमति हो एवम उस हैड में राशि उपलब्ध होनी चाहिए।
4. नियम 10 G&FR का एक मुख्य नियम हैं। सरकार हर अधिकारी से मितव्ययता की अपेक्षा करती है एवम धन इस प्रकार व्यय करे जैसा एक सामान्य बुद्धि का व्यक्ति स्वयम् का निजी धन खर्च करता हैं।
5. जब भी कोई व्यय करे तब मांग के अनुसार ही व्यय करे। मांग से अधिक खरीद नहीं करे।
6. कोई भी व्यय स्वयम् के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष फायदे के लिए ना हों
7. किसी व्यक्ति विशेष के फायदे के लिए व्यय नहीं करे।
8. केश बुक का नियमित संधारण करे।
9. GA 19 तैयार करके नियंत्रण अधिकारी को प्रेषित किया जाना चाहिए। अब पे मैनेज़र द्वारा अब ऑटो तैयार होता है इसे आप प्रत्येक माह की 5 तारीख तक नियंत्रण अधिकारी को भेज दिया जाना चाहिए। इसकी आवश्यकता बजट निर्माण के समय भी रहेगी।
10. आपको अपने कार्यालय की रोकड़ पञ्जिका व वाउचर नियमित रूप से जांच करनी चाहिए।
11. किसी भुगतान को अनावश्यक रूप से नहीं रोका जाना चाहिए। किसी भुगतान को करने हेतु कोई विधिक बाधा है तो ऐसा भुगतान सक्षम स्वीकृति के पश्चात करना अपेक्षित हैं।
12. किसी प्रमाणपत्र पर जब आप हस्तक्षर करते है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी आपकी होती है अतः संतुस्ट होकर ही हस्ताक्षर नहीं करे।
13. जब लेखा दल आये तो उसके बैठने, जल पानी, टेबल कुर्सी, विधुत व अभिलेख उपलब्ध करवाये। आप उन्हें रेकॉर्ड उपलब्ध करने से मना नहीं कर सकते।
14. बिना अधिकार करार नहीं करे।
15. जो भी राशि व्यय करे उसे नियमानुसार उसी दिन लेखो में संधारित करे एवम राशि को बैंक में जमा करवाये।
16. 4 जुलाई 2014 के पश्चात सभी चालान ऑनलाइन जेनरेट हो रहे है । इससे पूर्व बजट कंट्रोल DDO को करना पड़ता था। अब बिना बजट के बिल जेनरेट नहीं किया जा सकता हैं।
17. जब कोई राशि प्राप्त करनी हो तो ध्यान रहे की धन की अधिकतम सीमा 500 है। यह राशि भारतीय मुद्रा में होनी चाहिए। हम भारतीय मुद्रा को स्वीकार करने से मना नहीं कर सकते।
18. जब चेक स्वीकार करना हो तो स्थानीय स्तर पर क्लियर होने वाला चेक होना चाहिए। अंतिम दिनाक जब तय हो तो क्लियर होने की अवधि के अनुसार चेक लेवे।
19. जब किसी पार्टी का चेक बाउन्स हो जाए तो उससे पेनल्टी राशि रोकड़ लेकर ही राशि रोकड़ में स्वीकार की जाती हैं।
20. चेस्ट की एक चाबी उच्चाधिकारी के पास जमा करनी चाहिए।
21. आपकी अनुपस्थिति में GA 55 पर हस्ताक्षर हेतु आपको किसी को अधिकृत करना चाहिए, सामान्य स्तिथि में यह कार्य केशियर कर सकता हैं।
22. जिस दिन केश बुक खुले उसी दिन बन्द भी करे व किसी से योग चेक करवाना चाहिए।
23. बिल बनवाने का कार्य पे मेनेजर पर होता है, अपने ID से खाता खोलकर बिल बनवाले और सम्पूर्ण चेक कर ट्रेज़री को फॉरवर्ड कर हार्ड कॉपी पर सील व हस्ताक्षर कर भिजवाना हैं।
24. पे मेनेजर पर ROP recover of payment भी सम्भव हैं।
25. राजस्थान प्रोक्युरमेंट एक्ट के तहत निविदा निकाले तो उसकी भाषा सुस्पष्ट होनी चाहिए। G&FR में इस कार्य हेतु नमूना उपलब्ध हैं। एक बार आदेश निकालने के पश्चात सुपीरियर अधिकारी की अनुमति से ही संशोधन संभव होगा।
26. जब सामग्री किसी दूसरे देश से मंगवानी हो तो दर FOR लेनी चाहिए।
27. भुगतान के समय TDS काटने की सुचना पूर्व में ही अंकित कर देनी चाहिए।
28. कोई भी टेंडर अंनंत काल के लिए जारी नहीं हो सकता हैं। ऐसा टेंडर वित् विभाग की सहमति से जारी करे।
29. SDP पोर्टल पर लोगिन करके प्रोक्युरमेंट एन्टाइटल फॉर्म प्राप्त करके अपना रजिस्ट्रेशन करवाले। रेजिस्ट्रेशन के पश्चात आप निविदा करने तक एन्टाइटल हैं। हम एक वित्तीय वर्ष में 10 हज़ार तक व एक साल में एक लाख तक खरीद बिना निविदा कर सकते हैं।
30. “क्रय समिति” की अनुशंषा पर बिना टेंडर 50 हजार तक खरीद की जा सकती है इसकी एक सत्र में सीमा 3 लाख हैं। क्रय समिति में कार्यालयाध्यक्ष के साथ एक लेखाकार व तकनीकी कार्मिक होना जरुरी हैं।
31. एक साल में 3 कोटेशन लाकर एक लाख तक की खरीद की जा सकती हैं। एक बार में 2 लाख व साल में ऊपरी सीमा 10 लाख के ऊपर खुली निविदा करनी पड़ेगी व SDP पोर्टल पर प्रदर्शन करना पड़ेगा।
32. निर्माण में 10 लाख के ऊपर के आर्डर हेतु P निविदा करनी होती हैं।
33. DSC यानी digital signature certificate ।
34. 5 लाख या उससे अधिक राशि हो तो 10 दिन व स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित करना पड़ेगा। इस समाचार पत्र की न्यूनतम प्रसार संख्या 50 हज़ार हो।
35. अमानत राशि से तातपर्य टेंडर के साथ जमा कराने वाली राशि से है जबकि उसका टेंडर स्वीकृत होने पर प्रतिभूति राशि ली जाती हैं।
36. यदि किसी सामान की उपलब्धि सरकारी दूकान पर उपलब्ध हो तो उसी दूकान से खरीदनी चाहिए।
37. आलमारी, कूलर इत्यादि जेल से एवम कपडा, झंडा इत्यादि खादी भण्डार से खरीद करनी चाहिए।
38. D&SG से अप्रवुड माल की खरीद हेतु किसी टेंडर की आवश्यकता नहीं हैं।
39. तोलिये 5 माह, बेड शीट 1 साल, लोहे का पलंग, कांच के ग्लास 5 माह, शेषे का जग 1 साल, मुद्दे एक साल, टिया सेट 2 साल, बिजली घंटी 2 साल, लतर बेहतर 3 साल, ऐश ट्रे, साइन बोर्ड, साइकिल, चाट बरसाती, टेबल गिलास , कुर्सी की गद्दी, झंडा, लकड़ी का पायदान 5 साल में।
नोटिस बोर्ड, झार , वाटर कूलर, रेडियो ट्रांज़िस्टर , बालरि, जाजम, संदूक, इज़ी चेयर 10 साल में अनुपयोगी हो जाती हैं।
40. सामग्री को अनुपयोगी, बेशी या कंडम घोषित करने के बाद फॉर्म SR5 में लिस्टिंग करेंगे। तकनीक वाले सामान के लिए तकनीकी व्यक्ति की राय लेनी पड़ेगी।
41. अनुपयोगी सामग्री की लिस्ट बनने के बाद सामग्री का मूल्य निर्धारण करना पड़ता हैं। सामग्री के मूल्य का आकलन करने के पश्चात उसकी नीलामी की जाती हैं।
42. 5 लाख से अधिक की नीलामी विभागाध्यक्ष के माध्यम से होगी। विभादध्यक्ष अपना प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता हैं।
43. एक लाख से ज्यादा व 5 लाख से कम मूल्य की नीलामी हेतु उप विभागाद्यक्ष के माध्यम से होगी।
44. 30000 से कम मूल्य होने पर कार्यालयद्यक्ष स्वयम् कर सकता हैं।
45. कम्प्यूटर पर डेप्रिशयशन रेट 60% हैं।
46. 10 हजार के मूल्य तक की रद्दी के विक्रय हेतु कमिटी का अध्य्क्ष कार्यालयध्यक्ष होता हैं।
47. G&FR के परिशिष्ट 6 के तहत अभिलेख के संदगरण की समय सीमा हैं। शाळा भवन के कागजात हेतु कोई समयसीमा नहीं हैं।
48. लोन व अग्रिम रजिस्टर व संस्थापन रजिस्टर तथा स्थाई सम्पतियों के कागजात स्थायी रहेंगे।
49. अवकाश अर्जित करना पड़ता हैं।
50. अवकाश अधिकार नहीं हैं।
51. आकस्मिक अवकाश, अवकाश की श्रेणी में नहीं आता है, इसका लेखा सर्विस बुक में नहीं होता।
52. क्षतिपूर्ति अवकाश मंत्रलायिक कार्मिको को राजकीय अवकाश पर कार्य करने के एवज़ में मिलता हैं। इसका बेलेंस फॉरवर्ड नहीं होगा।
53. शिक्षक हेतु आकस्मिक अवकाश का कलेंडर 1 जुलाई से 30 जून होतक हैं। अतः जिनके cl शेष है वे 30 जून तक आकस्मिक अवकाश का उपभोग कर सकते हैं।
54. उपार्जित अवकाश- शिक्षक वर्ग हेतु वर्ष के 15 उपार्जित अवकाश देय हैं।
55. अगर किसी कार्मिक ने माह की प्रथम तिथि को कार्यग्रहण नहीं किया है तो उसे उस माह अवकाश अर्जित नहीं होगी।
56. मेडिकल अवकाश स्वयम् में अवकाश नहीं होकर अर्ध वेतन अवकाश होता हैं। पुरे वर्ष सेवा करने पर ही इसे कार्मिक के खाते में जोड़ा जाता हैं। इस अर्ध वेतन अवकाश को कंम्यूट किया जाता हैं।
57. HLP को चिकित्सा या शिक्षा ग्राउंड पर कंम्यूट करवा सकता है।
58. लीव सेंक्शन करवाना आवश्यक है। लीव सेंक्शन करने हेतु कार्यालयद्यक्ष कार्यालय हित में स्वीकार कर सकते हैं।
59. कोई कार्मिक 5 साल से अधिक बिना सुचना अवकाश पर रहे तो उसकी सेवा बर्खास्त की जा सकती हैं।

उपरोक्त जानकारियां श्री तरुण पुरोहित लेखाधिकारी द्वितीय की वार्ता पर आधारित हैं।लेखा नियमों हेतु G&FR रूलिंग ही अंतिम होती हैं।



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